
[ad_1]
कोलंबो. श्रीलंका के पूर्व क्रिकेटर धम्मिका प्रसाद ने देश के नेताओं से ईस्टर के दिन हुए आतंकी हमले के शिकार और मौजूदा आर्थिक संकट से जूझ रहे द्वीपीय देश के लोगों के लिए न्याय की मांग करते हुए शुक्रवार को 24 घंटे की भूख हड़ताल शुरू की. प्रसाद 2019 ईस्टर के दिन रविवार को हुए बम धमाकों के शिकार लोगों के लिये न्याय की मांग के लिए विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के सचिवालय के निकट गॉल फेस एस्प्लांडे में वह रापजक्षे के खिलाफ विरोध कर रहे गुट के साथ शामिल हो गए. बता दें कि 21 अप्रैल 2019 को ईस्टर संडे के दिन तीन चर्च और 3 होटलो में एक साथ धमाके हुए थे. जिसमें 269 लोगों की जान चली गई थी.
प्रसाद ने पत्रकारों से कहा, ‘ मैं बम धमाकों के शिकार सभी निर्दोषों के लिए न्याय चाहता हूं.’ प्रसाद (39 वर्ष) ने 2006 से 2015 तक देश के लिये 25 टेस्ट और 24 वनडे खेलते हुए क्रमश: 75 और 32 विकेट हासिल किए थे.
रवि शास्त्री को सालों से चुभ रही है भारत की 2 हार, बताया- कोचिंग करियर को कब लगा पहला झटका
दिल्ली कैपिटल्स के लिए आई अच्छी खबर, वर्ल्ड चैंपियन ऑलराउंडर ने शुरू की प्रैक्टिस
श्रीलंका में 3 साल पहले हुआ था आतंकी हमला
इस आत्मघाती हमले में शामिल एक आतंकी ने चौथे होटल में बम नहीं लगाया. लेकिन बाद में दूसरे स्थान पर खुद को विस्फोटक की मदद से उड़ा लिया था. इस हमले में जान गंवाने वाले ज्यादातर लोगों में चर्च में प्रार्थना करने वाले या होटल में नाश्ता करने वाले पर्यटक शामिल थे. इस्लामिक स्टेट से जुड़े दो स्थानीय मुस्लिम समूहों को हमलों के लिए दोषी ठहराया गया था. इस बीच, देश में उपजे आर्थिक संकट को लेकर गॉल में हो रहा प्रदर्शन सातवें दिन भी जारी रहा. हर गुजरते दिन के साथ इसमें युवा जुड़ते जा रहे हैं और सभी इस आर्थिक संकट से निपटने में नाकाम रखने के लिए राष्ट्रपति गोटबाया से इस्तीफा मांग रहे हैं.
युवाओं का सरकार के खिलाफ फूटा गुस्सा
सोशल मीडिया पर श्रीलंका सरकार के खिलाफ विरोध अभियान चल रहा है, जिसमें युवाओं से गॉल में इकठ्ठा होने की अपील की जा रही है. इसके अलावा, विदेशी मुद्रा संकट से निपटने के लिए सरकार को दोषी ठहराते हुए, पूरे द्वीप में लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं, जिसके कारण आवश्यक वस्तुओं की भारी कमी हो गई है. श्रीलंका अब तक के सबसे बड़े आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है. आजादी के बाद से पहली बार श्रीलंका विदेश कर्ज चुकाने से चूक गया है. देश के 2.2 करोड़ लोग 12 घंटे की बिजली कटौती झेल रहे हैं. ईंधन और दवाओं जैसी जरूरी चीजों की भारी किल्लत हो गई है.
श्रीलंका ने कर्ज डिफॉफ्ट करने का फैसला किया
श्रीलंका सरकार ने बीते मंगलवार को कर्ज डिफॉल्ट करने का फैसला किया. मतलब उसने ऐलान कर दिया कि वह तय डेडलाइन के भीतर कर्ज और ब्याज को नहीं चुका पाएगी. जानकारों का कहना है कि इससे श्रीलंका के लिए विदेशी मुद्रा हासिल करना और मुश्किल हो जाएगा.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |
Tags: Cricket news, Economic crisis, Sri lanka
[ad_2]
Source link